रंग हुए बदरंग भरे सत्ता की पिचकारी में ,
इक ही रंग दिखे इस, राजनीती की क्यारी में।
हर तरफ है ''काला ''बाजारी ,हर तरफ एक घोटाला है ,
अपने स्वार्थ के चक्कर में किया अपना मुहं काला है।
'कमलेश 'मनाएगी जनता जब वोटों की होली से ,
मिल जायेगा इन सबको ज़वाब, भारत की जनता 'भोली 'से।।
इक ही रंग दिखे इस, राजनीती की क्यारी में।
हर तरफ है ''काला ''बाजारी ,हर तरफ एक घोटाला है ,
अपने स्वार्थ के चक्कर में किया अपना मुहं काला है।
'कमलेश 'मनाएगी जनता जब वोटों की होली से ,
मिल जायेगा इन सबको ज़वाब, भारत की जनता 'भोली 'से।।