गुरुवार, 25 फ़रवरी 2010
ब्लोग्गर्स का कोई मुकाबला नही ...!!!
भाई खुश दीप सहगल ,ने एक दिन एक कहानी पोस्ट की ,यही जिसमे ,एक मूर्तिकार एक मूर्ति बना रहा होता ,फिर सिर्फ उसकी नाक में एक दरार हो गयी थी ,ओर मूर्ति को जब कि काफी ऊँचाई पार लगाई जानी थी ,उसके बावजूद वह दूसरी मूर्ति बना रहा था ,क्योंकि वह अपने काम के प्रति समर्पण भाव से भरा था ...यह कहानी सुनाने का मकसद यह है कि आज ''दैनिक भास्कर '' के एक मशहूर कालम लेखक (एन .रघु रामन ) ने वही कहानी बिलकुल हू ब हू लिखी है।{वह भी सुविता शर्मा ने ,भोपाल से भेजी है } ... मै इस बात से बहुत गदगद हूँ कि मेरे एक ब्लॉगर भाई ने उस कहानी को हम सबके सामने दूसरों से पहले पेश की ..यह बात अब प्रमाणित हो गयी ,की इस क्षेत्र के लोग कितने तेज हैं । मेरी तरफ से खुशदीप सहगल जी को बधाई ...शुभकामनायें
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6 टिप्पणियां:
ब्लॉग जगत में स्वागत !!
Anek shubhkamnayen!
कली बेंच देगें चमन बेंच देगें,
धरा बेंच देगें गगन बेंच देगें,
कलम के पुजारी अगर सो गये तो
ये धन के पुजारी वतन बेंच देगें।
हिंदी चिट्ठाकारी की सरस और रहस्यमई दुनिया में राज-समाज और जन की आवाज "जनोक्ति "आपके इस सुन्दर चिट्ठे का स्वागत करता है . . चिट्ठे की सार्थकता को बनाये रखें . नीचे लिंक दिए गये हैं . http://www.janokti.com/ , साथ हीं जनोक्ति द्वारा संचालित एग्रीगेटर " ब्लॉग समाचार " से भी अपने ब्लॉग को अवश्य जोड़ें . इस कोड को अपने साइडबार में लगा कर जनोक्ति से अपने ब्लॉग को लिंक करें
ढेर सारी शुभकामनायें.
इस नए चिट्ठे के साथ आपको हिंदी चिट्ठा जगत में आपको देखकर खुशी हुई .. सफलता के लिए बहुत शुभकामनाएं !!
इस नए चिट्ठे के साथ आपको हिंदी चिट्ठा जगत में आपको देखकर खुशी हुई .. सफलता के लिए बहुत शुभकामनाएं !!
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