मंगलवार, 2 मार्च 2010

शायर ....सागर सूद ,पटियाला

आज आपका परिचय एक ऐसे शायर से करवाते हैं ,जिनकी रचनाओं में जिन्दगी का एक -एक सच झलकता है ,रचनाओं में जो वेदना ,महसूस होती हैउसको लेखक ने खुद जिया है ,अब तक हिंदी ओर पंजाबी में ५० (पचास) से अधिक संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं ,अब उनकी नयी किताब ''जिन्दगी की किताब ''जो हमारे हाथ में है ..अब तक विभिन्न २४ साहित्यिक संस्थाओं ने आपको सम्मानित किया है ..इस लेखन के क्षेत्र का जाना माना नाम ''संजय कुमार सूद '' जो ''सागर सूद ''के नाम से रचनाएँ लिखते हैं ....पेश है उनकी एक रचना ......



भरी महफिल में तन्हाई मुझे पहचान लेती है
जिसे मै जान कहता हूँ वो मेरी जान लेती है

कहूँ कैसे बुरा इसको है प्यारी जिन्दगी इतनी
जो कहता हूँ की गम दे दे ये मेरी मान लेती है

छुपाना मै लाख चाहूं करुँ कितनी भी कोशिश
जाने माँ मेरी कैसे वो बात्तें जान लेती है

कभी कम जोर हो करके जो चाहा हाथ फैलाऊँ
ये खुद्दारी मेरी कर के सीना तान लेती है

बहुत रोती है ये आँखें तडप उठता है दिल ''सागर ''
किसी का जिन्दगी मेरी ये जब अहसान लेती है

. सागर सूद
32/3 अमर शक्ति निवास
महिंद्रा कालोनी ,सामने महिंद्रा कालेज
पटियाला -147001 (पंजाब )09872888174

2 टिप्‍पणियां:

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

is gajal kisaari hi panktiyan lajwab.jaise dil me kahin samaa gayin.
poonam

संजय भास्‍कर ने कहा…

kamlesh verma ji ka bahut -2 dhanyawaad
jo unhone mughe ek mouka diya...