गुरुवार, 9 जून 2011

वाह -वाह क्या बात है... ????
कमलेश भगवती प्रसाद वर्मा
वाह -वाह क्या ? है देखो सत्ता पक्ष का फंडा ,
कसाब, अफजल खाएं बिरयानी ''बाबा'' खाएं डंडा

सत्ता के अहंकार से टकराना खेल नहीं होता ,
अहंकार के आगे जज्बातों से मेल नही होता

जो कुछ देखा देश ने ,हो सकता ये बस नमूना हो ,
सत्ता पर आया जो खतरा ,दमन इससे दूना हो

सवा करोड़ की दुनिया में सिर्फ तुम दोनों का 'एका 'है ,
सत्ता की पूंछ जलाने का क्या ले रखा तुम्ही ने ठेका है

जिस जनसक्ती के बल पर 'गर'चल सकते गोली डंडे ,
तो जन-शक्ति ही बदल के रख देगी ,सत्ता पक्ष के फंडे

''अन्ना''बाबा का ये मिशन ,इतिहास बदल देगा ,
ये सत्ता धीसों का हास-परिहास बदल देगा

'कमलेश' सोचा भी नही था किसी ने ऐसी ''आंधी'' की ,
इतनी गहरी मार करेगी ,सोच 'माहत्मा गाँधी 'की

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