शुक्रवार, 11 जून 2010

ना निकला वो दिल से ,

ना निकला वो दिल से ,
आखरी दम निकलने तक

हो चुकी थी बहुत देर ,
''उसका दिल पिघलने तक ''॥

3 टिप्‍पणियां:

sonal ने कहा…

गहरी पीड़ा , बहुत सुन्दर पंक्तिया

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

कम शब्दों में गहरी बात कही है आपने।

sumant ने कहा…

SO b'ful