सोमवार, 7 फ़रवरी 2011

ठ उनके चेहरे का...!!!
चेहरे से उनके झूठ का नकाब उतर गया ,
पर वो हसीं ख्वाब पल में बिखर गया

उनके लिये शायद ,ये मजाक था ,
मेरी जिंदगी में ,नासूर कर गया

कैसे हो जाते हैं ,इनके दिल पत्थर के ,
मै सपने में सोच कर ,इकदम सिहर गया

जानिबे मंजिल तो हमारी बहुत दूर थी ,
साथ चलते-चलते जाने वो किधर गया

'कमलेश' वादे तो बहुत थे उनके जीने की राह में ,
पर जीते-जीते ही ,वो ख्वाब मर गया

3 टिप्‍पणियां:

Learn By Watch ने कहा…

आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं

कविता रावत ने कहा…

sundar prastuti.. aapko janamdin aur vasant panchmi kee haardik shubhkamnayen

शिवा ने कहा…

बहुत ही सुंदर प्रस्तुति...
shiva12877.blogspot.com