मैं उनसे कुछ कह न सका
एक दिल की ही तो बात थी
चंद पल बिता न सके वो मेरे संग
एक दिन ही की तो बात थी
दुख तो आज हो रहा है यारो
जो वो जनाजे में भी न आए
आखिर एक दिन ही तो बात थी |
चंद पल बिता न सके वो मेरे संग
एक दिन ही की तो बात थी
दुख तो आज हो रहा है यारो
जो वो जनाजे में भी न आए
आखिर एक दिन ही तो बात थी |
6 टिप्पणियां:
बहुत लाजवाब.
वैसे ये बहुत नाइंसाफ़ी की है उन्होनें. जनाजे मे तो आना ही चाहिये था. उसमें तो कहां पूरा दिन लगना था? आजकल दो तीन घंटे में सब काम निपट जाता है.:)
रामराम.
जो वो जनाजे में भी न आए
आखिर एक दिन ही तो बात थी.nice
क्या बात है , बहुत ही गहरी संवेदना दिखी आपकी इस रचना में ।
बहुत प्रभावशाली रचना सुंदर दिल को छूते शब्द
AAP SABHI KA DHANYAWAAD
वाह वाह संजय जी.एक दिन ही तो बात थी
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